Haryana assembly election 2019 2019 में 90 विधानसभा सीटों पर मतदान
Haryana Assembly Election 2019 के लिए मतदान के बाद संकेत हैं कि हरियाणा एक बार फिर स्थायी सरकार की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर सोमवार को हुए मतदान के बाद जनता-जनार्दन के रुख से कुछ ऐसे ही संकेत मिले हैं। मतदान के बाद विभिन्न टीवी चैनलों व एजेंसियों के Exit Polls में भी यही संकेत मिले हैं कि जनता कोई अन्य प्रयोग करने के मूड में नहीं थी और उसने स्थायी सरकार के लिए मतदान किया।
रुझान किसके पक्ष में हैं, कौन बाजी मारता दिख रहा है? हरियाणा का रण बांकुरा कौन बनेगा? इन सब सवालों का जवाब आपको कुछ पल के बाद एक एक करके मिलते जाएंगे। शाम 6 बजे हरियाणा विधानसभा चुनाव की वोटिंग थम गई है। हरियाणा में आज 62 फीसदी वोटिंग हुई।
2014 के विधानसभा चुनाव की अगर बात करें, तब भाजपा ने 47 सीटें जीती थी। उस समय भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। 10 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को मात्र 15 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। उस समय 15 साल से सत्ता की बाट जोह रहे इनेलो के खाते में उस समय 19 सीटें आई थी। इन पांच सालों में भाजपा ने खुद का ग्राफ बढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
चुनावी रुझान के आधार पर सैलजा, हुड्डा व दुष्यंत तीनों को अपनी-अपनी पार्टियों की सरकार बनने की आस है, लेकिन इसके लिए बताया जा रहा नंबर गेम ऐसा है कि फौरी तौर पर उस पर यकीन करना वाजिब नहीं है। आरंभ में जब शहरी क्षेत्रों में कम मतदान हुआ, तब लग रहा था कि भाजपा को अपना लक्ष्य साधने में दिक्कत आ सकती है।
लेकिन, शाम के वक्त जिस तरह मतदान में तेजी आई और गांवों के साथ-साथ शहरों में भी मत प्रतिशत बढ़ा (हालांकि पिछले सालों जितना नहीं), उससे भाजपा की उम्मीदों को पंख लगते दिखाई देने लगे। इस बार के चुनाव में अभय सिंह चौटाला की इनेलो, गोपाल कांडा की हलोपा और सुखबीर बादल की शिरोमणि अकाली दल का खाता खुलने की संभावना भी जताई जा रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2014 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में 76.13 फीसदी वोटिंग हुई थी। हरियाणा के राजनीतिक दिग्गजों की किस्मत का फैसला ईवीएम में फैसला बंद हो गया है और अब इंतजार है 24 अक्टूबर का पर उससे पहले सवाल यही कि…क्या हरियाणा में मनोहर लाल दूसरी बार करेंगे कमाल? यह तो 24 अक्टूबर को ही पता लग पायेगा।
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