सुप्रीम कोर्ट ने डीलर एसोसिएशन और FADA (फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन) को 23 मार्च के बाद BS lV इंजन वाले वाहनों की बिक्री पर रोक के मामले सुनवाई करते हुए कहां की ऑटोमोबाइल डीलरों को 31 मार्च के बादल लाँकडाउन होने के कारण सिर्फ 10 दिन के लिए और सिर्फ 10 प्रतिशत BS lV इंजन वाले वाहनों कि 1.05 लाख की बिक्री के लिए अनुमति दी गई थी पर ऑटोमोबाइल डीलर्स ने इस आंकड़े को पार करते हुए 2.55 लाख के वाहनों की बिक्री की है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि वह इसे दिल्ली और दिल्ली के आसपास के इलाकों में नहीं बेच सकते क्योंकि यह वाहन बहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं। उन्होंने यह भी कहा की BS lV वाहन पर्यावरण के लिए सही नहीं है।
कोरोनावायरस के कारण इन वाहनों की बिक्री में जो कमी आई है उसके लिए और अधिक छूट नहीं दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब BS VI वाहनों की ही बिक्री की जानी चाहिए।
ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन मांगा कुछ और समय
ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन और FADA ने सुप्रीम कोर्ट से BS IV वाहनों की बिक्री के लिए कुछ और समय मांगा।
FADA (फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन) और डीलर एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि लॉकडाउन के कारण उनको अधिक नुकसान हुआ है। उनके लगभग 70 हजार वाहनों की कम बिक्री हुई है जिससे ऑटोमोबाइल सेक्टर में बहुत गिरावट आई है जिसके कारण बेरोजगारी पर भी असर पड़ा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें किसी भी तरह से पर्यावरण से समझौता नहीं करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि डीलर एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन को पर्यावरण के बारे में सोचना चाहिए। उनको जल्दी से जल्दी सिर्फ BS VI इंजन वाले वाहनों की बिक्री करनी चाहिए।
BS IVऔर BS VI वाहनों में अंतर
BS IV मानक वाले वाहनों के लिए जिस ईंधन का प्रयोग किया जाता है उस में सल्फर की मात्रा अधिक होती है और साथ-साथ यह ऑक्सीजन में नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा ज्यादा फैलाता है जिससे फेफड़ों मैं तकलीफ होती है और स्वास्थ्य के लिहाज से भी BS IV वाहन सही नहीं है। BS VI वाले डीजल वाहनों में 70 प्रतिशत कम और पेट्रोल वाले वाहनों में 25% कम प्रदूषण करते हैं क्योंकि इन वाहनों में डीजल पर्टिकुलर सिस्टम (DPS) और सिलेक्टिव कैटालिटिक रिडक्शन(SCR) का प्रयोग किया जाता है जो BS IV में नहीं पाया जाता है। BS VI कम प्रदूषण और पर्यावरण के लिए तय किए गए मानकों पर खरा उतरता है।