लद्दाख में 15 और 16 जून को भारतीय और चाइना के सैनिकों के बीच भिड़ंत के बाद सीमा पर तनाव बना हुआ है। गलवान घाटी में हुई हिंसा में भारत के 20 सैनिक और चाइना के लगभग 45 सैनिक मारे जाने की खबर है। यह भिड़ंत तब हुई जब भारतीय सैनिक पैट्रोलिंग पर थे और उन्होंने देखा कि चाइना ने भारतीय सीमा के अंदर अपने टैंट गाड़े हुए हैं तो भारतीय सैनिक उनको उखाड़ने के लिए गए तब उनकी चाइना के सैनिकों से भिड़ंत indian and chinese soldiers fight along the borderहो गई। दोनों पक्षों में खूब डंडे पत्थर का इस्तेमाल हुआ। भारतीय सेना का कहना है कि भारत के जवान अपनी ड्यूटी दे रहे थे। यहां पर तापमान बहुत कम था और हिंसा के बाद इतनी ठंड में उनके जख्म एक्सपोज हो गए जिसके कारण वह सैनिक वीर गति को प्राप्त हुए।
चीन ने भारत द्वारा बनाई जा रही सड़क पर भी ऐतराज जताया।
चीन ने भारत द्वारा गलवान घाटी में और फिंगर इलाके में भारत द्वारा बनाई जा रही सड़क पर भी ऐतराज जताया। चीन का कहना है कि यह क्षेत्र उनके अधीन आते हैं इसलिए भारत द्वारा यह जो सड़क बनाई जा रही है वह सही नहीं है| भारतीय सेना भी चाइना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
सेना ने पूर्वी लद्दाख में देमचोक और पैंगोंग के गांवों को खाली करने को कहा है।
लद्दाख में हुई भिड़ंत में भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद सीमा पर तनाव बना हुआ है और भारतीय सेना ने सीमा पर सुरक्षा बलों को बढ़ाना शुरू कर दिया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि अत्यंत तनावपूर्ण परिस्थितियों में अगर चीन ने कुछ हरकत की तो भारत उसका मुंहतोड़ जवाब देगा। गलवान घाटी, दौलत बेग, ओल्डी,चुशुल और देपसांग आदि लद्दाख के गांवों में अतिरिक्त सेना बलों को तैनात किया गया है।
श्रीनगर में हाईवे को पूरी तरह बंद कर दिया गया पर वहां की स्थानीय पुलिस कह रही है कि उन्होंने यह हाईवे बंद नहीं किया है। उन्होंने सिर्फ नाकाबंदी की है जिससे आम आदमी यहां आसानी से ना गुजर सके। भारत को डर है कि चीन पाकिस्तान की तरफ से पी०ओ०के में पी०एल०ए की तैनाती भी कर सकता है। दोनों सीमा पर तनाव बढ़ता ही जा रहा है उधर चीन ने भी अपनी सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ानी शुरू कर दी है भारत में भी वायु सेना को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है।
बॉलीवुड के कई सितारों ने भारतीय सैनिकों के मारे जाने पर रोष प्रकट किया।
सलमान खान ने ट्वीट करके बोला की यह बलिदान बेकार नहीं जाएगा। सलमान खान ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय सैनिकों के मारे जाने पर उनको ट्वीट करके श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह उन सैनिकों के परिवारों के गम में पूरी तरह शरीक है। वह इंडियन आर्मी के साथ है उनका ओरिजनल टवीट यह है।
“My heart goes out to all brave hearts who hv laid down their lives at the Galwan valley. This sacrifice will not go to waste. I join their families in grief…”
नेहा कक्कड़ ने कहा कि हमारे देश के शहीद जवानों की आत्मा को भगवान शांति दे। नेहा कक्कड़ ने यह भी कहा कि यह क्या हो रहा है हमारे देश में। हमें युद्ध नहीं चाहिए। हमें शांति चाहिए। भारतीय सैनिकों की जान हमारे लिए बहुत मायने रखती है।
अमेरिका, ब्रिटिश हाई कमिशन और संयुक्त राष्ट्र ने भी दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की।
अमेरिका ने कहा कि वह स्थिति पर पूरी तरह नजर बनाए हुए हैं और अमेरिका ने 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने पर संवेदना जताई अमेरिका ने भारत से संयम बरतने के लिए कहा है। हिंसा दोनों पक्ष के लिए सही नहीं है।
सयुकत राष्ट्र के प्रवक्ता एंटीनियो गुटारस ने कहा कि दोनों देशों के बीच में हुई हिंसक झड़प से हम बड़े चिंतित हैं। दोनों देशों को संयम बरतना चाहिए और हम इस बारे में सकारात्मक हैं कि दोनों देश शांति के लिए प्रयास कर रहे हैं।
ब्रिटिश हाई कमिशन प्रवक्ता ने कहा कि बॉर्डर के मुद्दे पर भारत और चीन से शांति की अपील करते हैं। हिंसा किसी बात का समाधान नहीं है।
विपक्षी दलों ने भी चाइना और भारत के बॉर्डर पर पैदा हुए तनाव के लिए मोदी को जिम्मेवार माना।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने इशारों इशारों में प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसा अहमद पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का 9 बार चाइना जाने के बावजूद भी बॉर्डर पर तनाव कम नहीं हो रहा है और अहमद पटेल ने ट्वीट करके कहा कि ऐसे समय में जब देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है। चीन ने हमारे देश के कुछ हिस्से पर कब्जा कर लिया है और नरेंद्र मोदी जी चुप्पी साधे हुए हैं। अहमद पटेल ने कहा कि हमें नरेंद्र मोदी के और अन्य नेताओं के चीन दौरे की सूची को याद रखना चाहिए। यह भी कहा कि अब से पहले जितने प्रधानमंत्री रहे हैं वह चीन में या तो एक बार गए हैं यह गए ही नहीं पर नरेंद्र मोदी चीन का दौरा 9 बार कर चुके हैं। 5 बार प्रधानमंत्री बनने पर और चार बार मुख्यमंत्री रहते हुए।
पटेल ने कहा कि उल्टा चीन भारत पर आरोप लगा रहा है कि भारत ने घुसपैठ की है ।उन्होंने कहा कि 1962 के बाद यह पहली घटना है कि जब इंडिया और चीन बॉर्डर पर इतनी संख्या में सैनिकों की जान गई है।
कई राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ऐसे संकट भरे समय जिस समय देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और चाइना के साथ बॉर्डर पर तनाव बढ़ता जा रहा है। इसको देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उचित कदम उठाने चाहिए जो देश के हित में हो।