पुलवामा अटैक के बाद पाकिस्तान लगातार आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है क्योंकि पुलवामा अटैक हिंदुस्तान के लिए अपने सैनिकों को खोने का सबसे बड़ा झटका था| पूरे हिंदुस्तान ने इसका कड़ा विरोध किया था जिसके चलते भारत की तरफ से पाकिस्तान का हर तरफ से बाय काट किया| भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान के साथ हर तरह के व्यापार, नदियों के पानी देने पर रोक और विमान उड़ान पर रोक लगा दी गई। जिससे पाकिस्तान बहुत गहरी आर्थिक तंगी में पड़ गया।
पाकिस्तान के साथ भारत का व्यापार
पाकिस्तान भारत से बहुत सी वस्तुओं का आयात करता है जैसे ताजे फल, सीमेंट ,चमड़ा , कच्चा कपास , मसाले, ऊन, रबड़, अल्कोहल, डॉक्टरी उपकरण , समुद्री समान , प्लास्टिक का सामान, खेल का सामान इत्यादि जब से जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाई गई तो पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने आप व्यापार बंद कर लिया था जिसका खामियाजा उसको खुद को ही भुगतना पड़ा और पाकिस्तान को खुद घुटने टेकने पड़े। जब दवा की कमी के कारण लोगों की जान आफत में आने लगी पाकिस्तान प्रधानमंत्री को मजबूरन दोबारा से व्यपार शुरू करना पड़ा।
धारा 370 ने किया पकिस्तान को ढीला
भारत के प्रधानमंत्री ने जम्मू एंड कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया गया तो पाकिस्तान ने भारत पर से व्यापार की रोक लगा दी जिसकी कीमत खुद पाकिस्तान को ही चुकानी पड़ी। व्यपार बंद करने के एक महीने के भीतर ही पाकिस्तान की आंखे बाहर आ गईं । जीवनरक्षक दवाओं की कमी ने पाकिस्तान को ढीला कर दिया और खुद आंशिक व्यापार को शुरू करने का निर्णय किया।
पकिस्तान की गिद्धरभगतियाँ
पकिस्तान से लगातार गिद्धरभगतियाँ चल रही है| प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक पाकिस्तानी चैनल के माध्यम से लाइव होकर कहा कि ” भारत के पास अगर परमाणु बम , हथियार है तो हमारे पास भी हथियारों की कमी नहीं है अगर जंग होती है तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे, पर इस जंग में जीत किसी की भी नहीं होगी आम आवाम का नुक्सान होगा जिसके जिम्मेदार देश का सुलतान होगा | जिससे पूरी दुनिया खतरे में आ सकती है।
इमरान खान ने अपने ब्यान में ये भी कहा कि हमारी ओर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने कि पहल नहीं होगी ” पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने ट्वीट कर कहा, ‘परमाणु हथियारों से लैस दो देशों के बीच युद्ध को लेकर पाकिस्तान के रुख पर प्रधानमंत्री के बयान का गलत मतलब निकाला जा रहा है। वैसे दो परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच युद्ध नहीं होना चाहिए लेकिन पाकिस्तान की न्यूक्लियर पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है।