जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जिस प्रकार जैश-ए-महोम्मद के आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर कायराना हमला किया उससे पूरे देश में आक्रोश की ज्वाला फूट रही है। हर कोई इस हमले का जवाब ईंट से पत्थर की तरह देने की बात कर रहा है। इस हमले 40 जवान शहीद हो गए और कई घायल भी हुए। इस हमले की हर किसी ने कड़े शब्दोँ में निंदा की है। हर कोई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एक और सर्जिकल स्ट्राइक की मांग कर रहा। मारे गए जवानों में कई जवान ऐसे थे जो अभी-अभी छुट्टी बिता कर वापिस ड्यूटी जॉइन करने पहुंचे तब। शहीदों की पार्थिव शरीर जब उनके निवास स्थानों पर पहुंचे तो सबकी आंखे आंसुओं से नम थी। प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस हमले पर कड़ा रुख इख्तियार करते हुए अर्धसैनिक बलों को कोई भी कदम उठाने की खूली छूट देदी है।
झांसी में हुई रैली के दौरान मोदी जी ने साफ शब्दों में कहा कि अर्धसैनिक बल के जवान आगे को कार्यवाही के लिए समय स्थान खुद तय कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक पुलवामा हमले का बदला लेने की ज़िम्मेदारी कमांडो 469 को मिल सकती है। यह कमांडो इतने काबिल हैं कि किसी भी प्रकार के सीक्रेट मिशन को बखूबी अंजाम दे सकते हैं। यह महारत उन्हें कई सालों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद हासिल होती है। इस हमले के बाद सेना के जवानों में आतंकियों के खिलाफ बेहद रोष है। सीआरपीएफ ने ट्वीट करते हुए लिखा है-कि ना भूलेंगे ना ही माफ करेंगे।हम पुलवामा हमले में मारे गए अपने शहीदों को नमन करते हैं और शहीद भाइयों के परिजनों के साथ हैं। इस जघन्य हमले का बदला लिया जाएगा। भारत ने इस आंतक का विरोध जताते हुए पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापिस ले लिया है।
भारत ने 1996 में पाकिस्तान को यह दर्जा दिया था। पीएम मोदी जी ने देश को जनता को सम्बोधित करते हुए कहा है कि- मैं देश को भरोसा दिलाता हूं कि पुलवामा हमले में शामिल लोगों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी। आंतकी सरपरस्तों को इसकी कीमत चुकानी ही होगी।हमारा पड़ोसी देश सोचता है कि ऐसे आंतकवादी हमले हमें कमजोर कर सकते हैं लेकिन उनकी योजना सफल नहीं होगी। मोदी जी ने यह भी कहा कि आतंकवाद की निंदा करने वाले सभी देशों का मैं आभारी हूँ और उनसे साथ मिलकर आतंकवाद को कुचलने का आग्रह करता हूं।उन्होंने कहा कि हमारी आलोचना करने वालों की भावनाओं को समझता हूं, उनसे अनुरोध करना चाहता हूं कि यह भावनात्मक पल है, ऐसे में राजनीतिक लाभ उठाने से दूर रहें। उम्मीद है कि बहुत जल्द भारत आतंकियों से इस घिनौनी हरकत का बदला ले कर रहेगा।