“कुमारस्वामी” नही रहे कर्नाटक के ‘स्वामी’

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Kumara Swami

लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी की ऐसी जबरदस्त लहर छाई हुई है। जिससे देश का बच्चा-बच्चा परिचित है । मोदी की लहर ने सारी पार्टियों को पीछे छोड़ते हुए देश में एक पार्टी एक सरकार बनाने की ठान ली है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की आपसी खींचातान के कारण बीजेपी का पलड़ा भारी होता जा रहा है जिसके कारण आए दिन शीर्ष नेता इस्तीफा दिए रहे हैं | कर्नाटक सरकार का ध्वस्त होना भी इसका बड़ा कारण है | लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार ज्यादा समय अपना रुतबा नहीं बना पाई कांग्रेस की में लगातार खींचतान चल रही है और महज 14 महीनों में ही कर्नाटक सरकार ध्वस्त हो गई।

99 के फेर में फंसी कर्नाटक सरकार

पिछले दिनों कांग्रेस के और जेडीएस के विधायको ने एक एक करके इस्तीफा देना शुरू किया। हालत यह हो गई बीजेपी को मिली 105 सीटों से भी मौजूदा गठबंधन सरकार नीचे आ गई। कर्नाटक में कुल विधायक की संख्या 204 है जिसमें से बीजेपी के पास 105 विधायक हैं मतलब यह है कि अब कर्नाटक में फिर से कमल खिलना करीब-करीब तय है। लगातार चल रहे इस्तीफों के बाद कर्नाटक राजसभा में विश्वास पास वोट करवाए गए | इसमें भी कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में 99 वोट मिले जबकि बीजेपी ने 105 मतों को हासिल किया जिसकी वजह से कुमार स्वामी ने कल अपना इस्तीफा कर्नाटक के राज्यपाल को सौंप दिया है| अब बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। पूर्व मंत्री येदुरप्पा इसके लिए कर्नाटक राज्यपाल से मिलेंगे और ऐसे भी संकेत मिल रहे हैं कि शुक्रवार को येदुरप्पा शपथ लेंगे|

 

कांग्रेस के आरोप

उधर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का सीधे तौर पर ये आरोप है कि बीजेपी सरकार सांसदों को खरीद रही है यह लोकतंत्र की हार और लालच की जीत हुई है। इसके लिए कांग्रेस कार्यकर्ता देशभर में विरोध जताएंगे । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि जो नेता कल तक बीजेपी को गुंडों की सरकार कहते थे उन्हें आज बीजेपी ने उन्हें गले से लगाकर ऊँचे मंत्री पद देकर अपनी तरफ करके खरीद लिया है|

बेंगलुरु में अगले 24 घंटे तक धारा 144 लागू कर दी गई है जिसमें सभी पब और शराब की दुकानें बंद रहेंगी।

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