First visit to Kashmir today after the removal of Article 370

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अनुच्छेद 370 हटने के बाद आज पहली बार कश्मीर दौरा

Article 370 हटाए जाने के बाद पहली बार आज विदेशी प्रतिनिधिमंडल घाटी का दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल में 27 यूरोपीय सांसद हैं जो कश्मीर जाएंगे और लोगों, प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इस बीच सोमवार को आतंकवादियों ने एक बार फिर ट्रक ड्राइवर को निशाना बनाया। करीब एक महीने में इस तरह की पांचवीं वारदात है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आतंकवादी कारोबार से जुड़े लोगों को निशाना बना रहे हैं।

Article 370 हटाए जाने के बाद पहली बार आज विदेशी प्रतिनिधिमंडल घाटी का दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल में 27 यूरोपीय सांसद हैं जो कश्मीर जाएंगे और लोगों, प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इस बीच सोमवार को आतंकवादियों ने एक बार फिर ट्रक ड्राइवर को निशाना बनाया। करीब एक महीने में इस तरह की पांचवीं वारदात है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आतंकवादी कारोबार से जुड़े लोगों को निशाना बना रहे हैं।

प्रतिनिधिमंडल को लेकर विवाद

कश्मीर में विदेशी प्रतिनिधिमंडल के दौरे को लेकर विपक्षी पार्टियों ने तीखी आलोचना की है. कांग्रेस ने कहा कि यूरोपीय सांसदों को वहां जाने की अनुमति दे रही है लेकिन भारतीय नेताओं को ऐसा करने से रोक रही है जो भारत के लोकतंत्र और इसकी संप्रभुता का अपमान है.

राहुल गांधी ने लगाया आरोप

राहुल गांधी ने कहा, ”कश्मीर दौरे के लिए यूरोपियन यूनियन सांसदों का स्वागत हो रहा है। जबकि भारतीय सांसदों को वहां जाना बैन है। कुछ तो गड़बड़ हो रहा है.” कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया, यूरोपीय संघ के सांसदों के लिए सरकार की ओर से रेड कार्पेट बिछाया जाना और उन्हें जम्मू-कश्मीर के दौरे के लिए आमंत्रित करना भारतीय संसद की संप्रभुता और सांसदों के विशेषाधिकार का अपमान है।

जयराम रमेश ने किया ट्वीट

पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘‘जब भारतीय नेताओं को जम्मू-कश्मीर के लोगों से मुलाकात करने से रोक दिया गया तो फिर राष्ट्रवाद का चैम्पियन होने का दावा करने वालों ने यूरोपीय नेताओं को किस वजह से जम्मू-कश्मीर का दौरा करने की इजाजत दी ?’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह भारत की संसद और लोकतंत्र का अपमान है’’

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीटर में पूछा सवाल

कश्मीर में नजरबंद पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने के ट्वीटर हैंडल से भी ट्वीट किया गया। लिखा गया है, ”उम्मीद है कि उन्हें लोगों, स्थानीय मीडिया, डॉक्टरों और नागरिक समाज के सदस्यों से बातचीत करने का मौका मिलेगा। कश्मीर और दुनिया के बीच के लोहे के आवरण को हटाने की जरूरत है। जम्मू-कश्मीर को अशांति की ओर धकेलने के लिए भारत सरकार को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए.’’ उन्होंने अमेरिकी सीनेटरों को अनुमति नहीं देने के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया।

बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट में पूछा सवाल

बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया, “मुझे आश्चर्य है कि विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ के सांसदों के लिए जम्मू-कश्मीर के कश्मीर क्षेत्र के दौरा की व्यवस्था की है। यह निजी यात्रा है (यूरोपीय संघ का आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं)। यह हमारी राष्ट्रीय नीति के खिलाफ है. मैं सरकार से इस यात्रा को रद्द करने का आग्रह करता हूं क्योंकि यह अनैतिक है।

इसी साल पांच अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से Article 370 हटाने का एलान किया था। जिसके बाद घाटी में किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल की यह पहली यात्रा है। यह यात्रा कश्मीर की स्थिति पर यूरोपीय संसद में हुयी बहस के कुछ हफ्ते बाद हो रही है, जिसमें वहां की स्थिति को लेकर चिंता जतायी गयी थी।

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