जिस तरह इंसान का अपने परिवार-रिश्तेदार सम्बन्धियों के बिना समाज में सर्वाइव करना मुश्किल होता है| वैसे ही आज इस स्मार्टफोन और टेक्नॉलजी के युग में गूगल के बिना रहना मुश्किल है| एक तरह से आज गूगल हर रिश्ते को निभा रहा जिससे वो इंसान की जरुरत बन चूका है | गूगल आज हमारे जीवन का एक खास हिस्सा बन चूका है। यह हर किसी को अपनी अच्छी सर्विस से रोजमर्रा के कामों में मदद करता है जिस से वो यूजर्स के बेडरूम तक पहुंच गया है।
हर ऐक्टिविटी को करे मॉनिटर
क्या कभी किसी ने सोचा है कि हमे ये आदत हमारी प्रिवेसी को भी खत्म कर रही है ? एक रिपोर्ट के मुताबिक ये सामने आया है कि अब गूगल के थर्ड पार्टी वर्कर्स हमारी पर्सनल बातो की सुनंने के साथ साथ रिकॉर्ड भी कर रहे है| गूगल हर किसी को सही जानकारी पहुँचाने के लिए यूजर को ट्रैक करता रहता है और यूजर की हर एक्टिविटी को लगातार वाचआउट करता है | जिससे गूगल के पास हमारी जरुरत के साथ साथ हमारे इंट्रेस्ट की भी जानकारी है| क्योकिं गूगल लगातार यूजर की ऑनलाइन ऐक्टिविटी को मॉनिटर करता रहता है |
गूगल किन-किन चीजों पर नजर रखता है।
हमारे उठने से ही गूगल की नजर हमारे ऊपर शुरू हो जाती है | हमारा ऑफिस, दूकान या काम के लिए निकलना, मेट्रो, बस,ऑटो रिक्क्षा आदि में मोबाइल पर न्यूज़ पढ़ना, गाने सुनना, गूगल मैप के जरिये रुट देखना जिस से वो हमारी लोकशन को लगातार ट्रैक करता है। GPS के साथ हमारा IP एड्रेस कनेक्ट होता है। गूगल हमें ट्रैक करने के नजदीक के टावर्स और Wi-Fi एक्सेस पॉइंट का भी इस्तेमाल कर सकता है।
गूगल रखे दिलचस्पी का ध्यान
गूगल हमारी सर्च हिस्ट्री को रिकॉर्ड में रखता है हमारी दिलचस्पी जिस चीज में है वो हमें उपलब्ध करवाता है| कैसे हमें गाने पसंद है, कैसी न्यूज़ पसंद करते है , कैसी एप्प में हमारा रुझान ज्यादा है, किस तरह का म्यूजिक सुनते हैं गूगल ये सभी कुछ ट्रैक करता हुआ हमारी एक प्रोफाइल तैयार करता है और फिर हमे उससे रिलेटेड ऐड भेजता रहता है |
गूगल चले साथ साथ
गूगल हमारी लोकेशन का डेटा इकठा कर हमे बताता रहता है कि हम वॉक कर रहे हैं, दौड़ रहे हैं या किसी गाड़ी में चल रहे हैं | GooglePay के जरिये क्रेडिट और डेबिट कार्ड कि डिटेल्स भी गूगल के पास सेव होती है हम अपने कार्ड से जो भी प्रोडक्ट खरीदते है उससे वो दूकानदार और खरीदार दोनों की लोकशन सेव रखता है और गूगल उसी तरीके से उनको टारगेटेड करके ऐड भेजता है। ईमेल के जरिये भी गूगल हमें हमारी दिलचस्पी के आधार पर विज्ञापन कस्टमाइज करके ईमेल भेजता रहता है
विडियो का प्लेटफार्म YouTube
गूगल हमें विडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब से भी ट्रैक करता है हम जिस तरह की वीडियो क्लिप देखते है उसी विषय की वीडियो की लिस्ट हमारे सामने पेश करता है साथ में वो कब और कहाँ वो विडियो देखते हैं सब रिकॉर्ड में रखता है । अगर हम YouTube के विडियो को गूगल के इलावा किसी और वेबसाइट के जरिये देखते है तो वो वो हमें ट्रैक करता है। गूगल के पास डाटा कलेक्शन का Android और क्रोम जैसा बेहतरीन प्लेटफार्म है | गूगल के पास ऐंड्रॉयड डिवाइस एप्प्स के जरिये हमारे द्वारा यूज़ की गयी थर्ड-पार्टी ऐप्स की जानकारी होती है