शिक्षा के प्रति नींद से जागी राजस्थान सरकार

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राजस्थान के 36 हजार 658 स्कूलों के नाम गलत

राजस्थान में शिक्षा को लेकर अब सरकार की नींद टूटी है | जिससे लगता है की अब राजस्थान की शिक्षा में सुधार होगा इसके चलते अधिकारीयों ने सख्त हिदायत दी है कि अगर जयपुर स्कूल का नाम अब गलत हुआ तो संस्था प्रधान के खिलाफ कार्रवाई होगी। स्कूल के नाम में विसंगति होने से कई सारे काम अटक जाते हैं। राज्य के स्कूलों के नाम गलत होने से आए दिन शिक्षा विभाग के अधिकारी और संस्था प्रधान परेशान होते हैं। स्कूलों का नाम गलत होने से शिक्षकों को आए दिन कोई न कोई समस्या आती रहती है। प्रदेश के बहुत से स्कूलों के नाम में कई विसंगतियां हैं, जिससे कई बार स्थानान्तरण होने पर जवाइनिंग की समस्या आती है तो कई बार उन्हें वेतन तक नहीं मिल पाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब प्रदेशभर के सभी स्कूलों के नाम में यदि कोई खामी है तो उसे दुरूस्त करना होगा। ऐसा नहीं करने पर यदि कोई परेशानी होगी तो उसके लिए संस्था प्रधान और शाला दर्पण के स्कूल प्रभारी जिम्मेदार होंगे।

नाम में विसंगति के यह हैं कारण

प्रदेशभर में स्कूलों के नाम में गफलत होने के प्रमुख कारण है कि कई संस्था प्रधानों ने अहैं स्तर पर ही स्वविवेक से स्कूल के नाम में कैपिटल या स्मॉल लैटर का इस्तेमाल कर लिया, स्कूल का नाम शार्ट रूप में लिख दिया। वहीं कई स्कूलों के नाम आदर्श या उत्कृष्ट का उपयोग कर लिया, इससे स्कूलों के नामों में विसंगति दिखाई दे रही है। कई बार यह विसंगति बड़ी परेशान का कारण बन जाती है, जब शिक्षा विभाग को स्कूल का नाम आपस में मिलान नहीं होता है तो उसे मिलने वाली ग्रांट व अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं।

करना होगा नाम अपडेट

अब हर स्कूल को अपना नाम अपडेट करना होगा। नाम शाला दर्पण पोर्टल पर अपडेट कर इसकी सूचना विभाग को देनी होगी। शाला दर्पण पोर्टल पर अपडेट मॉडयूल में स्कूलों का नाम अपडेट किया जाएगा। जानकारी के अनुसार प्रदेश के 36 हजार 658 स्कूल ऐसे हैं, जिनके नाम में विसंगति है। इसमें जयपुर जिले के भी 1837 स्कूल शामिल हैं |

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