जहाँ एक तरफ देश में बीजेपी पार्टी के कार्यकर्ता जीत का जश्न मना रहें है वही दूसरी और कांग्रेस पार्टी में जबरदस्त उथलपुथल हो रही है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में कई दिग्गजों ने अपना मुँह फेर लिया है। तीन बड़े नेताओं ने कांग्रेस से अपना रुख बदल लिया है। इस कड़ी में सब से पहले उत्तरप्रदेश में खराब प्रदर्शन के कारण फिल्म अभिनेता राज बब्बर ने राहुल गाँधी को अपना इस्तीफा भेज दिया है, ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने भी इस्तीफा दे दिया है और अमेठी के जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा ने भी राहुल गांधी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दिया है।
जिस तरह से दिग्गज नेता साथ छोड़ रहे हैं उसको देखते हुए मशहूर कहावत याद आ रही है कि मुसीबत में तो साया भी साथ छोड़ जाता है, ऐसा प्रतीत हो रहा है की कांग्रेस को जल्द ही अपनी दुकान बंद करनी पड सकती है!
अगर हार थोड़े अंतराल में होती तो सहन योग्य होती पर जिस उम्मीदवार की कोई जीतने की उम्मीद नहीं थी उसने भी 2 लाख से ज्यादा वोटों के अंतराल से जीत हासिल कर अपनी पार्टी का लोहा मनवाया है। सब जगह से चौंकाने वाले नतीजे आए।
फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर को बीजेपी के राजकुमार चाहर ने तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया।
राज बब्बर 1989 में सिनेमा जगत से राजनीति में आए और वीपी सिंह के नेतृत्व वाले जनता दल से जुड़े कुछ समय बाद जनता दल छोड़कर समाजवादी पार्टी में चले गए। 2006 में उन्हें समाजवादी पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद 2008 में वह कांग्रेस पार्टी का हिस्सा बन गए।
अमेठी से आज तक किसी भी कांग्रेस प्रत्याशी को हार का मुँह नहीं देखना पड़ा इस बार राहुल गाँधी और स्मृति की कांटे की टक्कर थी जिस में बीजेपी ने बाजी मार कर इतिहास बदल कर रख दिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भी करारी हार का सामना करना पड़ा।
उधर जीत के बाद स्मृति बोलीं- अमेठी के लिए नई सुबह !!!
अब देखना यह होगा वर्षों से देश की सबसे बड़ी पार्टी का ताज अपने सर पर रखने वाली पार्टी कांग्रेस अपने आस्तित्व को कहाँ तक बचा पाएगी।