होली पर्व क्यों और कैसे मनाया जाता है? क्या है इसके पीछे का इतिहास?

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Holi

भारत त्योहारों का देश है। ये त्योहार ही हैं जो भारत की विभिन्नता में एकता को दर्शाते हैं। इन्हीं त्योहारों में एक त्योहार ऐसा भी है जो हर उम्र के व्यक्ति को बच्चा बना देता है, वो त्योहार है -होली।रंगों का त्योहार होली हर वर्ष जब भी आता है हर्ष,उत्साह और उमंग की छाप छोड़ जाता है। लाल, पीले, हरे अबीर व गुलाल से रंगे चेहरे उनके मन की खुशी को जाहिर करते हैं। यह त्योहार भारत के हर कोने में मनाया जाता है। हर जगह इसके मनाने का कुछ तरीका अलग हो सकता है मगर रंगों की फुहार हर जगह एक जैसी। इस त्योहार के सम्बंध में विभिन्न कथाएं जुड़ी हैं-

प्रहलाद व होलिका की कहानी
पौराणिक कथा के अनुसार असुरों का राजा हरिण्यकश्यप एक बहुत  ही क्रूर राजा था।  वह भगवान विष्णु के भगतों का बहुत निरादर करता था। उसने गहन तपस्या से यह वरदान प्राप्त किया था कि न तो उसकी मौत इंसान के हाथों हो न जानवर के हाथों, न वो धरती पर मरे न ही आकाश में, न वो अंदर मरे और न ही बाहर। इस वरदान को पाकर वह इतना निरंकुश हो गया कि उसके अत्याचारों से सारी धरती त्राहि माम करने लगी। वो स्वयं को भगवान मानने लगा, लेकिन हर बुराई पर अच्छाई की विजय जरूर होती है। यही हरिण्यकश्यप के साथ भी हुआ। उसका बेटा प्रह्लाद विष्णु का बहुत बड़ा भगत था।  इसलिए हरिण्यकश्यप उससे अत्यधिक क्रोधित रहता था। उसने प्रह्लाद की हत्या के अनेक प्रयास किये परंतु भगवान विष्णु की कृपा से वह हरबार बच जाता था । प्रह्लाद की बुआ होलिका को वरदान प्राप्त था। कि वह कभी जल नही सकती इसलिए वह प्रह्लाद को मारने के लिए उसे गोद में लेकर आग में बैठ गई। परंतु भगवान की कृपा से होलिका जल गई और प्रह्लाद बच  गए। उस दिन  से बुराई पर अच्छाई की विजय  के इस पर्व को होलिका दहन के रूप में मनाते हैं

 श्रीकृष्ण से जुड़ी कथा

एक अन्य कथा के अनुसार होली के दिन ही श्री कृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया था। उसी खुशी में गोकुलवासियों ने महारास रचाया  था। तभी से यह त्योहार मनाया जाता है। वृंदावन की होली तो विशेषकर प्रसिद्ध है।

यह त्योहार कब मनाया जाता है-
यह पर्व फाल्गुन माह की पुर्णिमा को मनाया जाता है। अगले दिन लोग पुरे उत्साह से होली मनाते हैं तथा एक दुसरे पर रंग डालते हैं। तथा इस रंग  बिरंगे पर्व को मनाते हैं। पूरे देश में लोग टोलियाँ बना कर लोग  होली  खेलते हैं। होली से पहले ही बाजारों की रौनक बढ़ जाती है। बाजार में गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे और आजकल तो तरह – तरह की अन्य वस्तुऐं जैसे मुखौटे नकली बाल आदि मिलते हैं।
होली का त्योहार प्रमुख रूप से कहाँ-कहाँ मनाया जाता है-

वैसे तो होली पूरे भारत में मनाई जाती है लेकिन कुछ विशेष स्थानों की होली तो विदेशों में भी प्रसिद्ध है। हर वर्ष कुछ पर्यटक विशेषकर होली मनाने हर वर्ष भारत आते हैं
व्रज की होली की बात ही अलग हैं। यहां लठ्ठमार होली मनाई जाती है। महिलाएं पुरुषों को रंग के साथ लट्ठ भी मारा जाता है। पुरूष अपना बचाव करते हैं। यह दृश्य बहुत ही मनमोहक होता है।
मथुरा और वृंदावन में यह त्योहार लगभग 25 दिनों तक मनाया जाता है। यहां मनाई जाने वाली फूलों की होली देखने लोग दूर-दूर से आते हैं।

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