जलियांवाला स्मारक पहुंचे अंग्रेज पादरी आर्क बिशप Justin Welby
इंग्लैंड के कैंटरबरी के Justin Welby मंगलवार को पंजाब के अमृतसर ज़िले के जलियांवाला बाग़ में स्थित शहीद स्मारक पर पंहुचे। उन्होंने कहा कि मैं 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्या कांड के लिए दुखी हूँ यह कह कर वो ज़मीन पर लेट गए और शहीदों को श्रद्धांजलि दी उन्होंने शहीदों को नमन किया और दुःख व्यक्त किया।
चलाई निहत्थे लोगों पर गोलियों
13 अप्रैल 1919 को कुछ लोग शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित हुए थे तब जनरल डायर द्वारा दिए गए आदेश पर जलियांवाला बाग में ब्रिटिश आर्मी के सैनिकों ने निहत्थे लोगों को गोलियों से भून डाला था। जालियांवाला बाग के हर निकास के रास्ते की सेना ने घेराबंदी कर ली थी। गोलीबारी शुरू होने से वहां भगदड़ मच गई। इस गोलीबारी में हज़ारो लोगो की जान चली गयी थी जिसमे बच्चे, बूढ़े जवान और महिलाएं भी शामिल थी, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने मरने वालों की संख्या लगभग चार सौ बताई थी।
हुए 100 साल पुरे
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि Justin Welby दस दिनों की भारत यात्रा पर हैं। इससे पहले उन्होंने कोलकाता, मेडक, जबलपुर और बेंगलुरु का दौरा किया है। इसके बाद वह अमृतसर पहुंचे। जहां उन्होंने 1919 में बैसाखी के दिन अंग्रेजी हुकूमत के जनरल डायर के आदेश निहत्थे लोगों के किए गए नरसंहार की घटना पर असंतोष व्यक्त किया।
इसी साल अप्रैल में इस घटना को 100 साल पुरे हो गए है जस्टिन वेल्बी ने कहा कि यहां जो अपराध हुआ, उससे मैं शर्मशार और दुखी हूं , एक धार्मिक नेता के तौर पर मैं इस त्रासदी पर शोक व्यक्त करता हूं.” इस जनसंहार से ‘बेहद दुखी और शर्मिंदा’ हूँ उन्होंने जो कुछ किया उसे आपने याद रखा है और उनकी यादें ज़िंदा रहेंगी” | उन्होंने इस दौरान कहा, ‘यहां मैं लोगों के दुख को महसूस करने और अंग्रेज लोगों की गोलियों से मारे गए लोगों की मौत पर दुख व्यक्त करने के लिए आया हूं।’ उन्होंने कहा कि ब्रिटिश नागरिक होने के नाते हम इस शर्मनाक घटनाक्रम को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।
अब सिर्फ यादो में – सुषमा स्वराज