ये मजबूरी नहीं हम सब की जिम्मेदारी है-रक्तदान महादान

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ye majabooree nahin ham sab kee jimmedaaree hai-raktadaan mahaadaan

संसार में जो विशेष दिन मनाये जाते है उनका कुछ ना कुछ महत्व जरूर होता है जैसे फादर्स डे, मदर डे, एड्स डे, वर्ल्ड ऑर्थराटिकस डे, वेलन्टाईन डे, ब्लड डोनेशन डे वगैरा वगैरा | पर लोग उस दिन को कितनी एहमियत देते है ये उनकी सोच पर निर्भर करता है| कल वो विशेष दिन था जिसमें हम अपने स्वस्थ को ठीक करने के साथ साथ किसी और की जिंदगी को बचाने का काम कर सकते है| मैं बात कर रहा हूँ कल के विशेष दिन वर्ल्ड ब्लड डोनेशन डे (रक्तदान दिन ) की जिसे दान करके हम अपना और दुसरो का भला कर सकते है| खूनदान करने से हमारा खून पतला होता है और हमारी नाड़ियों में नई ऑक्सीजन का प्रवहन होता है| जिससे हमें हार्टअटैक, कैंसर व अन्य दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम होता है इस तरह हम कर भला हो भला वाली कहावत यहाँ सार्थक कर सकते है|

कुछ ऐसी संस्थाएं है जो हर विशेष दिन पर अपना भरपूर सहयोग देती हैं| अमर उजाला फाउंडेशन, श्री शिव कांवड़ महासंघ चैरिटेबल ट्रस्ट, डेरा सच्चा सौदा सिरसा, श्री ओंकार दास मित्तल चैरिटेबल ट्रस्ट, शिव शक्ति सेवा मंडल आदि

रक्तदान में डेरा सच्चा सौदा सिरसा का बहुत सहयोग रहा है| विश्व में एक दिन में सब से ज्यादा रक्तदान करने का विश्व रिकॉर्ड  इस संस्था के नाम है| इस संस्था की तरफ से एक रक्तदान कैंप चंडीगढ़ के सेक्टर 49C के समुदायक केंद्र में लगाया गया जिसमें कुल 8 टीमों ने 3884 यूनिट रक्त एकत्रित किया| एक कैंप का आयोजन सेक्टर 17 में रेडक्रास की ओर किया गया जिसमें दो टीमों ने ब्लड एकत्रित किया|

भले ही बाबा राम रहीम बलात्कार के जुर्म में सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहे हैं, पर उनके भगत भलाई के कार्य करने में पीछे नहीं हटते|

आपने देखा होगा इस दिन को लोग ज्यादा महत्व नहीं देते| जिस तरह से युवा पीढ़ी वेलेंटाइन डे मानती है अगर उससे भी अच्छे तरीके से इस दिन को मनाएं तो देश में खून की कमी की वजह से मरने वालों का अनुपात कम हो सकता है और कुछ बीमारियों से भी निजात मिल सकती है | ये मजबूरी नहीं हम सब की जिम्मेदारी है और सरकार की तरफ से भी जागरूकता कैंप लगा कर इसके लिए विशेष कदम उठाने चाहिए|

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