भारत के सबसे लंबे सड़क रेल-पुल बोगीबील पुल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी बाजपेयी जी के जन्मदिन पर किया उद्घाटन, सैन्य सुरक्षा में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा बोगीबील पुल
आज 25 दिसम्बर तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी के जन्मदिन के अवसर पर असम के डिब्रुगढ़ में बने भारत के सबसे बड़े रेल सड़क पुल का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हाथों से किया गया। 4.94 किलोमीटर लम्बा यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाया गया है। यह पुल ना केवल आमजन की सुविधा के लिए बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी बहुत अहम भूमिका निभाएगा क्योंकि आपात स्थिति लड़ाकू विमानों के उतारने का भी इस पुल पर पूरा प्रबन्ध किया गया है।
गौरतलब है कि 1997-98 में इस पुल की सिफारिश की गई और यह पुल असम समझौते का हिस्सा रहा है। इस पुल की नींव 22 जुलाई 1997 में पुर्व प्रधानमंत्री श्री एच.सी.देवगौड़ा के हाथों रखी गई लेकिन इस पुल पर काम 21 अप्रैल 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल बिहारी बाजपेयी जी के समय में आरंभ हुआ। इसी कारण आज उनकी वर्षगांठ के अवसर पर इसका शुभारंभ किया गया। तीन साल में हुई काम में देरी का परिणाम यह हुआ कि इसकी लागत में 85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
आरम्भ में इसकी लागत 3230.02 करोड़ रुपए थी जो बाद में बढ़कर 5,960 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। बाद में इसकी निर्धारित लम्बाई में भी बदलाव किया गया। सैन्य सुरक्षा की दृष्टि से इसकी महत्ता को देखते हुए 2007 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया गया था। इस पुल का सबसे बड़ा फायदा दक्षिण से उत्तरी तट के सैनिकों के आवागमन में होगा। अगर देखा जाए तो इस पुल के निर्माण से भारत-चीन सीमा की सुरक्षा और भी मजबूत होगी। मोदी जी ने इस पुल का उद्घाटन करते समय कहा कि अगर समय रहते भाजपा एक बार पहले केंद्र में आ जाती तो इस पुल का निर्माण 10 वर्ष पहले ही हो जाता। यह देश का पहला ऐसा पुल है जो पूरी तरह स्टील से निर्मित है।



